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Piyush Kaviraj
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Quotes by Piyush Kaviraj
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कभी पानी की तरह, कभी ज़हर की तरह; कभी गुस्से के दो घूँट, कभी जाम के दो बूँद, पी लेंगे. ज़िन्दगी ही तो है.. जी लेंगे!
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धर्म तो भगवान् से जुड़ने का ज़रिया था. उसे इंसान को तोड़ने का ज़रिया बना डाला कुछ स्वार्थी तत्वों ने. लेकिन एक लिखकर मेरी ज़िम्मेदारी ख़त्म हो गयी क्या? अगर धर्म हमे रूहानियत की जगह बंटवारे की तरफ ले जा रहा है तो इसके जिम्मेदार हम सब हैं. हम में से हर कोई! -पीयूष कविराज.
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Friends are the best anti-depressants; with only positive effects, no side-effects.